श्रेणी: Sansmaran

पोस्ट ऑफ़िस – गुज़रा ज़माना

बहुत समय पहले, जब हिंदी साहित्य से मेरे परिचय की शुरुआत हो ही रही थी, गणेश चतुर्थी समारोहों की एक रात्रि को मुझे प्रख्यात व्यंग्यकार श्रद्धेय शरद जोशी जी को सुनने का सौभाग्य मिला । तब मैं झाबुआ (म.प्र.) में स्कूल में पढ़ता था । … पढ़ना जारी रखें पोस्ट ऑफ़िस – गुज़रा ज़माना